Author name: Dr. Jaswant Shastri

I am Dr. Jaswant Shastri, a Vedic scholar with over 15 years of experience in conducting havan, puja, rituals, and delivering spiritual discourses. This website will provide information for a spiritual blog dedicated to such practices.

spritual and motivational


           संसार में जिसने भी जन्म लिया है, उसमें कुछ न कुछ अविद्या तो होती ही है। और अविद्या के कारण उसमें कुछ राग द्वेष भी होता है। *”इसके साथ साथ प्रत्येक व्यक्ति में कुछ अच्छे संस्कार भी होते हैं। जिस व्यक्ति में अच्छे संस्कार अधिक होते हैं, वह उन अच्छे संस्कारों के कारण खुश रहता है। अच्छे काम करता है। दूसरे सुखी लोगों को देखकर वह भी सुखी होता है। सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझता है। सुखी होने का यही सबसे बड़ा रहस्य है।”*
          *”और जिसमें अविद्या राग द्वेष आदि दोष अधिक होते हैं, वह दुखी रहता है। दूसरे सुखी लोगों को देखकर भी दुखी होता है। उनसे जलता रहता है। और तरह-तरह से उनकी हानियां करने का प्रयास करता है। ऐसा व्यक्ति जीवन भर दुखी और परेशान ही रहता है। तो ऐसा जीवन कोई अच्छा जीवन नहीं है।”*
          *”अच्छा जीवन वही है, जिसमें व्यक्ति ईश्वर का ध्यान करे, अच्छे काम करे, स्वयं प्रसन्न रहे, दूसरों को सुख दे, और दूसरों को सुखी देखकर स्वयं सुखी हो। ऐसा जीवन अच्छा है। ऐसा जीवन बनाने का सबको प्रयत्न करना चाहिए।

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